
मायावती के निजी सचिव मेवालाल गौतम द्वारा बुधवार की रात जारी एक प्रेस नोट में कहा गया, ‘ सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुये उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने 29 मई को लालबहादुर शास्त्री मार्ग स्थित बंगला नंबर छह खाली कर दिया है. यह बंगला उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से आवंटित किया गया था.’ मेवालाल गौतम ने पत्र में बताया है कि स्पीड पोस्ट रिसीव हो गया है और पत्र के साथ साक्ष्य के तौर पर 6, कालिदास मार्ग के बिजली के बिल भी लगाए गए हैं.
मायावती के निजी सचिव मेवालाल गौतम ने पीडब्लूडी के वीवीआईपी अतिथि गृह में तैनात अवर अभियंता को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अदालत के आदेश का पालन करते हुए मंगलवार को 6 लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित बंगला खाली कर इसकी सूचना राज्य संपत्ति विभाग को दे दी.
गौतम ने अवर अभियंता को लिखे पत्र में कहा, ‘इसके बाद मैं स्वयं आपके कार्यालय आया और आपसे कब्जा लेने का अनुरोध किया लेकिन आपने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि जब तक राज्य संपत्ति अधिकारी आदेश नहीं देंगे आप पत्र की प्रति और कब्जा नहीं लेंगे. चूंकि, राज्य संपत्ति विभाग कब्जा लेने से इंकार कर रहा है इसलिए स्पीड पोस्ट से आवास खाली करने संबंधी पत्र की प्रति और बंगले की चाबी का सेट भेज दिया गया है.’
पिछले हफ्ते बहुजन समाज पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से मिला था और दावा किया था कि जिस बंगले को खाली करने को कहा जा रहा है वह 2011 में कांशीराम स्मारक के नाम पर बदल दिया गया था और मायावती के पास उस बंगले में केवल दो कमरे है. उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद जब मायावती को बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया था उसके बाद बसपा ने 21 मई को सरकारी बंगले के बाहर ‘ कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल’का बोर्ड लगा दिया था.
मुख्यमंत्री से मिलने गये प्रतिनिधिमंडल में शामिल पार्टी महासचिव सतीश मिश्र के मुताबिक नोटिस 13—ए माल एवेन्यू को खाली कराने का मिला है जो मायावती के नाम नहीं आवंटित है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें छह—लाल बहादुर शास्त्री मार्ग का बंगला आवंटित है, जिसके लिए कोई नोटिस नहीं मिला. उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री को सभी आवश्यक दस्तावेज सौंप दिये हैं. 13—ए माल एवेन्यू के दो कमरे में ही मायावती रहती हैं. मायावती को बंगले के छोटे से हिस्से में रहने देने की अनुमति का आग्रह किया गया है.
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर राज्य संपत्ति अधिकारी ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिन के भीतर बंगले खाली करने का नोटिस जारी किया था. गौरतलब है कि बीते सात मई को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब सरकारी बंगले खाली करने होंगे.
More from my site
NDA के हरिवंश नारायण सिंह बने राज्य सभा के उपसभापति
पर्दे के पीछे RSS के 10 अमित शाह सांप्रदायिक ध्रुवीकरण में लगे हैं: जयराम रमेश
अब हिन्दू बनाम मुस्लिम नहीं होने देंगे: जयंत चौधरी
नबी मॉब लिंचिंगः हत्या इरादतन थी लेकिन पुलिस ग़ैर इरादतन साबित करने पर आमदा-रिहाई मंच
यूपी चुनाव में भाजपा में सबसे ज्यादा ‘बाहुबली’
बिहार में बाढ़ से अब तक 98 मौतें, 93 लाख लोग प्रभावित